सुजानपुर को 17 सेक्टर बनाने के नाम पर वोट लेने बाले बावड़ीयो के उद्घाटन करने तक सीमित

भाजपा पदाधिकारीयो ने सुजानपुर विधायक पर कसा तंज

सुजानपुर। “मैं मुख्यमंत्री बन सकता हूं मैं उपमुख्यमंत्री बन सकता हूं मैं मंत्री बन सकता हूं मैं सुजानपुर को 17 सेक्टर बना दूंगा”। ऐसे पता नहीं कितने झूठ बोलकर विधायक सुजानपुर ने सुजानपुर की जनता को ठगा है लेकिन वर्तमान में विधायक की क्या स्थिति है इस बात से हर कोई भली भांति परिचित है यह बात सुजानपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रोफेसर विक्रम राणा सुजानपुर से भाजपा के प्रत्याशी रहे कैप्टन रंजीत राणा जिला सचिव विनोद ठाकुर ने सुजानपुर विधायक के ऊपर तंज कसते हुए कही है उन्होंने कहा कि विधायक ने जब सुजानपुर की जनता से वोट लिए थे तो यह कहा था कि वह सुजानपुर को 17 सेक्टर बना देंगे चंडीगढ़ की तर्ज पर सुजानपुर का विकास होगा कांग्रेस सरकार में वह मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री और मंत्री तो बनकर ही रहेंगे लेकिन आज विधायक की क्या स्थिति है नौबत यहां तक आ गई हैं कि विधायक को अब बावड़ियों के उद्घाटन करने पड़ रहे हैं विधायक को शायद इस बात का अंदाजा नहीं है कि बावड़ियों प्राकृतिक जल स्रोतों के का उद्घाटन तो वार्ड सदस्य भी कर देते हैं लेकिन यहां विधायक इस तरह के उद्घाटन करके अपनी जग हसाई करवा रहे हैं और सबको यह बता रहे हैं कि अब उनकी स्थिति मात्र एसे कामों के उद्घाटन करने की रह गई है भाजपा पदाधिकारीयो ने कहा कि विधायक सुजानपुर अब ना इधर के हैं ना उधर के हैं और पुरानी कहावत है कि दो घर का मेहमान हमेशा भूखा ही रहता है और यही हाल वर्तमान सुजानपुर के विधायक का है आज सुजानपुर की जनता विधायक को अपना प्रतिनिधि चुनकर पछता रही है और हर चौक चौराहे पर यह सवाल कर रही है कि मुख्यमंत्री और विधायक की लड़ाई का खामियाजा शहर की जनता को उठाना पड़ रहा है आखिर सुजानपुर की जनता का कसूर क्या है प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और कांग्रेस का ही विधायक सुजानपुर से जीता है लेकिन सुजानपुर के विधायक की सरकार में दाल नहीं गल रही मुख्यमंत्री उनसे बात तक नहीं करते उन्होंने कहा कि सुजानपुर शहर में विधायक ने प्राकृतिक जल स्रोतों के ऊपर अपने नाम की पट्टीकाये इस तरह चिपकवाई है कि शायद उन्होंने अपनी जेब से इनके निर्माण के लिए बजट जारी किया हो उन्होंने उन्हें इस बात का ध्यान होना चाहिए कि नगर परिषद सुजानपुर का यह बजट था जिस पर उनके उद्घाटन शिलान्यास का नगर परिषद के नुमाइंदों का हक था लेकिन दबाव की राजनीति बनाकर उन्होंने इनके उद्घाटन शिलान्यास किये और आज यही उद्घाटन शिलान्यास उनकी जग हँसाई के कारण बन रहे हैं।

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